बुधवार, 17 मार्च 2010

आज का विचार-22

रहिमन तीन प्रकार ते, हित अनहित पहिचानि ।

पर बस परे, परोस बस, परे मामिला जानि ।।

रहीम कहते हैं कि शत्रु-मित्र की पहचान तीन तरह से होती है, आप परवश हो जाएं, आप पड़ोस में बसें या आप किसी मामले में फंस जाएं, तब शत्रु मित्र की सही पहचान अपने आप हो जाती है ।

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